Top 10 famous places in uttarakhand

1.नैनीताल

सबसे पहले बात करते हैं नैनीताल की! यह सिर्फ़ उत्तराखंड का एक ज़िला नहीं, बल्कि इसे पर्यटकों की राजधानी कहना ज़्यादा सही होगा। नैनीताल अपनी बेजोड़ सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है, जहाँ आते ही मन को असीम सुकून मिलता है। इसका मुख्य आकर्षण नैनी झील है, जिसके मनमोहक किनारे पर यह पूरा शहर बसा हुआ है। झील में नौका विहार और चारों ओर हरी-भरी पहाड़ियों का नज़ारा यहाँ की ख़ास पहचान है, जो हर यात्री को मंत्रमुग्ध कर देता है।

यहाँ आप क्या-क्या कर सकते हैं:

  • नैनी झील में नौका विहार: नैनीताल की पहचान, यह शांत झील में नाव की सवारी करना एक अविस्मरणीय अनुभव है। आप खुद पैडल बोट ले सकते हैं या फिर एक गोंडोला-शैली की नाव में बैठकर झील के शांत नज़ारों का भरपूर आनंद ले सकते हैं।

  • मॉल रोड पर टहलें: झील के किनारे स्थित मॉल रोड नैनीताल का धड़कता दिल है। यहाँ आप जी भरकर शॉपिंग कर सकते हैं, स्थानीय व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं, और शाम को टहलते हुए झील की चमकती रोशनी का मंत्रमुग्ध कर देने वाला नज़ारा देख सकते हैं।

  • व्यूप्वाइंट्स से नज़ारे: स्नो व्यू पॉइंट, नैना पीक और टिफिन टॉप जैसे विभिन्न नज़ारों से आपको हिमालय की शानदार चोटियों और पूरे नैनीताल शहर का लुभावना (breathtaking) दृश्य देखने को मिलेगा। रोपवे के ज़रिए स्नो व्यू तक जाना अपने आप में एक रोमांचक (thrilling) अनुभव है।

  • नैना देवी मंदिर के दर्शन: नैनी झील के उत्तरी किनारे पर स्थित नैना देवी मंदिर एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह देवी सती को समर्पित है और यहाँ दर्शन करने से मन को सच्ची शांति मिलती है।

  • आस-पास के आकर्षण: नैनीताल के पास भी कई ख़ूबसूरत जगहें हैं जैसे कि सातताल, भीमताल, और नौकुचियाताल, जहाँ आप प्रकृति की सुंदरता को और करीब से महसूस कर सकते हैं और एक शांत दिन बिता सकते हैं।

2.मसूरी

उत्तराखंड की हसीन वादियों में बसा मसूरी एक ऐसा हिल स्टेशन है जिसे “पहाड़ों की रानी” के ख़िताब से नवाज़ा गया है। देहरादून से थोड़ी ही दूरी पर स्थित यह जगह अपनी मनमोहक सुंदरता, ठंडी आबोहवा और दूर-दूर तक फैले पहाड़ों के लुभावने नज़ारों के लिए जानी जाती है।

यहाँ आप क्या-क्या कर सकते हैं:

मसूरी सिर्फ़ अपने नज़ारों के लिए ही नहीं, बल्कि कई रोमांचक और सुकून भरे अनुभवों के लिए भी जाना जाता है। यहाँ आप क्या-क्या कर सकते हैं:

  • केम्प्टी फॉल्स की ठंडक: मसूरी से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित केम्प्टी फॉल्स एक मशहूर झरना है जहाँ आप पानी की ठंडी फुहारों का लुत्फ़ ले सकते हैं और पिकनिक का आनंद उठा सकते हैं। यह पर्यटकों के बीच एक बेहद लोकप्रिय जगह है।

  • मॉल रोड पर मस्ती: मसूरी का धड़कता दिल, मॉल रोड यहाँ का सबसे lively इलाका है। यहाँ आप टहल सकते हैं, स्थानीय हस्तकला की चीज़ें ख़रीद सकते हैं, गर्मागरम मोमोज़ और भुट्टे का स्वाद ले सकते हैं, और शाम को दोस्तों या परिवार के साथ यादगार पल बिता सकते हैं।

  • लाल टिब्बा से सूर्योदय का नज़ारा: मसूरी का सबसे ऊँचा पॉइंट, लाल टिब्बा से सूर्योदय और सूर्यास्त का नज़ारा देखना एक अविस्मरणीय अनुभव होता है। यहाँ से आपको बद्रीनाथ, केदारनाथ और नंदा देवी जैसी चोटियों का विहंगम (panoramic) दृश्य देखने को मिलेगा।

  • गन हिल का रोमांच: रोपवे के ज़रिए गन हिल तक जाना अपने आप में एक रोमांचक अनुभव है। यहाँ से मसूरी शहर और दून घाटी का शानदार हवाई नज़ारा देखने को मिलता है।

  • कंपनी गार्डन में सुकून: यह एक बेहद ख़ूबसूरती से सँवारा गया (beautifully maintained) गार्डन है जहाँ आप परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिता सकते हैं। इसमें एक छोटा झरना, एक झील और बच्चों के लिए कुछ झूले भी हैं।

  • एडवेंचर के शौकीनों के लिए: मसूरी में एडवेंचर प्रेमियों के लिए भी काफ़ी कुछ है, जैसे कि पैडल बोटिंग, पैराग्लाइडिंग, और यहाँ के आसपास की पहाड़ियों में ट्रैकिंग

3.ऋषिकेश

उत्तराखंड की शांत पहाड़ियों में, गंगा नदी के किनारे बसा ऋषिकेश सिर्फ़ एक शहर नहीं, बल्कि एक अनुभव है। इसे “योग की वैश्विक राजधानी” के रूप में जाना जाता है, और यह आध्यात्मिक साधकों, रोमांच प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों, सभी को अपनी ओर खींचता है।

ऋषिकेश की हवा में ही एक अलग तरह की शांति और ऊर्जा महसूस होती है। गंगा का कलकल करता पानी, मंदिरों की घंटियों की आवाज़, और शाम को होने वाली मंत्रमुग्ध कर देने वाली गंगा आरती, यहाँ के माहौल को दिव्य बना देती है, जिससे हर आने वाला यहाँ एक अनोखी शांति का अनुभव करता है।

rishikesh

यहाँ आप क्या-क्या कर सकते हैं:

ऋषिकेश में रहते हुए आप आध्यात्मिक शांति से लेकर रोमांचक गतिविधियों तक, कई तरह के अनुभव ले सकते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख गतिविधियाँ बताई गई हैं:

  • गंगा आरती का अनुभव करें: हर शाम, परमार्थ निकेतन और त्रिवेणी घाट पर होने वाली गंगा आरती ऋषिकेश का सबसे बड़ा आकर्षण है। सैकड़ों जलते दीये, मंत्रों का जाप, और भक्तों की भीड़ मिलकर एक अविस्मरणीय आध्यात्मिक वातावरण बनाते हैं।

  • योग और ध्यान का अभ्यास करें: दुनिया भर से लोग यहाँ योग सीखने और ध्यान करने आते हैं। ऋषिकेश में अनगिनत आश्रम और योग केंद्र हैं जो विभिन्न स्तरों के लिए पाठ्यक्रम और रिट्रीट प्रदान करते हैं।

  • लक्ष्मण झूला और राम झूला पार करें: गंगा नदी पर बने ये प्रतिष्ठित (iconic) लक्ष्मण झूला और राम झूला सस्पेंशन ब्रिज हैं। इन पर चलते हुए नदी और आसपास के हरे-भरे पहाड़ों का अद्भुत नज़ारा दिखता है। इनके आसपास कई कैफे और दुकानें भी हैं।

  • साहसिक खेलों का मज़ा लें: अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं, तो ऋषिकेश आपके लिए जन्नत है। यहाँ आप व्हाइट-वॉटर राफ्टिंग, बंजी जंपिंग, क्लिफ जंपिंग और ज़िपलाइनिंग का लुत्फ़ उठा सकते हैं।

  • मंदिरों और आश्रमों का भ्रमण करें: ऋषिकेश में कई प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर हैं जैसे तेरह मंज़िल मंदिर, शिवपुरी, और नीलकंठ महादेव मंदिर। विभिन्न आश्रमों में जाकर आप स्थानीय संस्कृति और आध्यात्मिकता को करीब से जान सकते हैं।

  • गंगा किनारे शांति से बैठें: किसी भी घाट पर या नदी के किनारे शांत जगह ढूंढकर बस बैठ जाना भी अपने आप में एक चिकित्सीय अनुभव है। गंगा की लहरों को देखना और उसकी पवित्रता को महसूस करना अद्भुत है।

4.हरिद्वार

हरिद्वार: आध्यात्मिकता और गंगा का प्रवेश द्वार

उत्तराखंड की पवित्र भूमि पर स्थित हरिद्वार भारत के सबसे प्राचीन और पूजनीय शहरों में से एक है. इसे “गंगा द्वार” के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यहीं से पवित्र गंगा नदी पहाड़ों को छोड़कर मैदानी इलाकों में प्रवेश करती है. यह हिंदुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थल है और इसकी आध्यात्मिक ऊर्जा हर किसी को अपनी ओर खींच लेती है.

हरिद्वार सिर्फ़ एक शहर नहीं, बल्कि एक अनुभव है – जहाँ आपको भक्ति, संस्कृति और प्राचीन परंपराओं का संगम देखने को मिलेगा.

haridwar

यहाँ आप क्या-क्या कर सकते हैं:

  • हर की पौड़ी पर गंगा आरती: हरिद्वार का सबसे अविस्मरणीय अनुभव निस्संदेह हर की पौड़ी पर होने वाली शाम की गंगा आरती है. मंत्रों के जाप, घंटियों की ध्वनि और जलते दीयों की जगमगाहट के साथ गंगा मैया की स्तुति एक दिव्य और मंत्रमुग्ध कर देने वाला दृश्य प्रस्तुत करती है. यह आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर पल होता है.
  • पवित्र गंगा में डुबकी: माना जाता है कि गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाने से सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. सुबह के समय यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान करने आते हैं.

  • मनसा देवी और चंडी देवी मंदिर: हरिद्वार में दो प्रमुख शक्तिपीठ हैं – मनसा देवी मंदिर और चंडी देवी मंदिर. ये दोनों मंदिर पहाड़ियों पर स्थित हैं और यहाँ तक पहुँचने के लिए आप रोपवे का उपयोग कर सकते हैं. इन मंदिरों से हरिद्वार शहर और गंगा नदी का मनोरम नज़ारा दिखाई देता है.

  • स्थानीय बाज़ार और व्यंजन: हरिद्वार की गलियों में घूमते हुए आप स्थानीय बाज़ारों का अनुभव कर सकते हैं, जहाँ धार्मिक सामग्री, हस्तशिल्प और आयुर्वेदिक उत्पादों की भरमार होती है. यहाँ के स्थानीय पकवान, ख़ासकर हलवा-पूरी और लस्सी, का स्वाद लेना न भूलें.

  • गंगा घाटों पर शांति का अनुभव: हर की पौड़ी के अलावा भी हरिद्वार में कई अन्य शांत घाट हैं जहाँ आप बैठकर गंगा के बहते जल को निहार सकते हैं और कुछ पल शांति व आत्मचिंतन में बिता सकते हैं.

5.केदारनाथ

उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में, रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ सिर्फ़ एक तीर्थ स्थल नहीं, बल्कि एक गहरा आध्यात्मिक अनुभव है. यह भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र चार धाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

केदारनाथ की यात्रा सिर्फ़ धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हिमालय की ऊँची चोटियों, प्राचीन ग्लेशियरों और मंदाकिनी नदी के अद्भुत दृश्यों के बीच एक अविश्वसनीय साहसिक यात्रा भी है. यहाँ की हवा में एक अलौकिक शांति और भक्ति का अनुभव होता है

यहाँ आप क्या-क्या कर सकते हैं:

  • श्री केदारनाथ मंदिर के दर्शन: पत्थरों से बना यह प्राचीन मंदिर, 3583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो भगवान शिव को समर्पित है. मंदिर का वास्तुशिल्प सौंदर्य और उसके आसपास का राजसी वातावरण भक्तों को मंत्रमुग्ध कर देता है. विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सदियों से अडिग खड़ा यह मंदिर आस्था और इंजीनियरिंग का प्रतीक है.
  • आध्यात्मिक शांति: मंदिर परिसर में और उसके आसपास बिताया गया हर पल एक गहरी आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है. यहां की हवा में भक्ति और श्रद्धा का संचार होता है, जो मन को असीम सुकून देता है.

  • आदिशंकराचार्य की समाधि: मंदिर के ठीक पीछे, आदि शंकराचार्य की समाधि है, जिन्होंने इस मंदिर का पुनरुद्धार किया था. यह स्थान भी भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जहां वे महान दार्शनिक को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.

  • गरुड़चट्टी और भीमबली: केदारनाथ ट्रेक के रास्ते में पड़ने वाले ये स्थान अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाने जाते हैं. यहां रुककर आराम करना और आसपास के नज़ारों का आनंद लेना यात्रा का एक अहम हिस्सा है, जो आपको ताज़गी से भर देगा.

  • चौराबाड़ी ताल (गांधी सरोवर): केदारनाथ मंदिर से कुछ किलोमीटर ऊपर स्थित यह ग्लेशियल झील एक शानदार नज़ारा प्रस्तुत करती है. माना जाता है कि महात्मा गांधी की राख का एक हिस्सा यहां विसर्जित किया गया था, जिससे यह स्थान और भी महत्वपूर्ण हो जाता है.

6.औली

औली: भारत का स्कीइंग स्वर्ग और हिमालय का भव्य नज़ारा

उत्तराखंड के चमोली ज़िले में स्थित औली एक ऐसा मनमोहक हिल स्टेशन है जो अपनी बर्फ से ढकी ढलानों और हिमालय की विशाल चोटियों के मनोरम दृश्यों के लिए जाना जाता है. इसे अक्सर “भारत का स्कीइंग स्वर्ग” कहा जाता है, और सर्दियों के महीनों में यह जगह एक सफेद वंडरलैंड में बदल जाती है.

औली सिर्फ़ स्कीइंग प्रेमियों के लिए ही नहीं, बल्कि प्रकृति प्रेमियों और शांत वातावरण की तलाश करने वालों के लिए भी एक आदर्श स्थान है. यहां की ठंडी हवा, देवदार के घने जंगल और चारों ओर फैली शांति आपको शहरी जीवन की थकान से पूरी तरह मुक्त कर देगी.

ole/औली

यहाँ आप क्या-क्या कर सकते हैं:

औली अपने अद्भुत दृश्यों और रोमांचक गतिविधियों के लिए जाना जाता है. यहां कुछ चीजें हैं जिनका आप औली में अनुभव कर सकते हैं:

  • स्कीइंग और स्नोबोर्डिंग: सर्दियों के मौसम में औली का मुख्य आकर्षण इसकी ढलानें हैं जो स्कीइंग और स्नोबोर्डिंग के लिए एकदम सही हैं. यहां शुरुआती और अनुभवी, दोनों के लिए सुविधाएं उपलब्ध हैं. यह भारत में शीतकालीन खेलों का मक्का है!

  • रोपवे की सवारी: औली रोपवे एशिया के सबसे ऊंचे और लंबे रोपवे में से एक है. यह जोशीमठ से औली तक की शानदार यात्रा प्रदान करता है, जहां से आपको नंदा देवी, कामेट, मना पर्वत और दूनागिरी जैसी चोटियों के अद्वितीय दृश्य देखने को मिलते हैं. बादलों के ऊपर तैरते हुए इन विशाल चोटियों को देखना एक अविस्मरणीय अनुभव है.

  • गुरुसो बुग्याल की ट्रेक: औली से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित गुरुसो बुग्याल एक खूबसूरत घास का मैदान है. यहां की ट्रेक आपको शांत देवदार और ओक के जंगलों से गुज़ारती है और बर्फ से ढकी चोटियों के अद्भुत नज़ारे पेश करती है. यह प्रकृति प्रेमियों के लिए एक शानदार विकल्प है.

  • औली लेक: यह एक कृत्रिम झील है जिसे स्कीइंग के लिए बर्फ बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इसकी शांत सुंदरता और आस-पास के पहाड़ इसे एक दर्शनीय स्थल बनाते हैं. यहां आप शांति से बैठकर प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं.

  • छत्रकुंड: यह एक छोटा सा फ्रेशवॉटर झील है जो औली से थोड़ी दूरी पर स्थित है. यहां का शांत वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता मन को मोह लेती है. यह उन लोगों के लिए एक आदर्श स्थान है जो भीड़भाड़ से दूर एकांत पल बिताना चाहते हैं.

7.जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान

जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान: भारत के वन्यजीवों का स्वर्ग

उत्तराखंड की तलहटी में बसा जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान भारत का सबसे पुराना और सबसे प्रतिष्ठित वन्यजीव अभयारण्य है. यह सिर्फ़ एक पार्क नहीं, बल्कि प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव उत्साही लोगों के लिए एक जीवित अनुभव है, जहां आप जंगल के रोमांच और वन्यजीवन की सुंदरता को करीब से महसूस कर सकते हैं.

यह पार्क मुख्य रूप से अपनी बंगाल टाइगर्स की आबादी के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां हाथियों, तेंदुओं, हिरणों की कई प्रजातियों और पक्षियों की सैकड़ों किस्मों सहित विविध प्रकार के वन्यजीव पाए जाते हैं. रामगंगा नदी पार्क के बीच से होकर बहती है, जो इसकी सुंदरता को और बढ़ा देती है.

यहाँ आप क्या-क्या कर सकते हैं:

जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान में वन्यजीवों को देखने के अलावा और भी बहुत कुछ है जिसका आप अनुभव कर सकते हैं:

  • रोमांचक जंगल सफारी: पार्क को अलग-अलग ज़ोन में बांटा गया है, और हर ज़ोन में सफारी का अपना अलग अनुभव है. ढिकाला ज़ोन सबसे लोकप्रिय है और टाइगर स्पॉटिंग के लिए जाना जाता है. आप जीप सफारी या हाथी सफारी का विकल्प चुन सकते हैं, दोनों ही आपको जंगल के अंदरूनी हिस्सों तक ले जाते हैं और वन्यजीवों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का मौका देते हैं.

  • बर्ड वाचिंग: अगर आप पक्षी प्रेमी हैं, तो कॉर्बेट आपके लिए स्वर्ग है. यहां 600 से अधिक प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं, जिनमें प्रवासी पक्षी भी शामिल हैं. अपनी दूरबीन ले जाना न भूलें ताकि आप विभिन्न प्रजातियों को करीब से देख सकें.

  • गर्ज़िया देवी मंदिर: यह सुंदर मंदिर कोसी नदी के बीच एक विशाल चट्टान पर स्थित है और इसकी सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है. पार्क के पास होने के कारण यह एक लोकप्रिय भ्रमण स्थल है और यहां शाम को आरती भी होती है.

  • जिम कॉर्बेट संग्रहालय: कालाढूंगी में स्थित यह संग्रहालय प्रसिद्ध शिकारी से संरक्षणवादी बने जिम कॉर्बेट के जीवन और कारनामों को दर्शाता है. यह उनके शिकार उपकरण, पांडुलिपियों और व्यक्तिगत वस्तुओं को प्रदर्शित करता है, जिससे उनके जीवन और भारतीय वन्यजीव संरक्षण में उनके योगदान के बारे में जानने को मिलता है.

  • रिवर राफ्टिंग और रैपलिंग: रामगंगा नदी में कुछ हिस्सों में रोमांचक रिवर राफ्टिंग का अनुभव भी किया जा सकता है, जो एडवेंचर के शौकीनों को पसंद आता है. यह जंगल के एक अलग दृष्टिकोण से देखने का मौका देता है.

8.बद्रीनाथ

बद्रीनाथ: भगवान विष्णु का पवित्र धाम

उत्तराखंड के चमोली ज़िले में अलकनंदा नदी के किनारे स्थित बद्रीनाथ एक ऐसा पवित्र स्थल है जो सिर्फ़ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के हिंदू श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है. यह चार धाम यात्रा का एक अभिन्न अंग है और भगवान विष्णु को समर्पित बद्रीनाथ मंदिर का घर है.

ऊँचे, बर्फ़ से ढके पहाड़ों और शांत वातावरण से घिरा बद्रीनाथ सिर्फ़ एक तीर्थ स्थल नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव है जो मन को शांति और आत्मा को ऊर्जा देता है. यहां का हर कोना दिव्य ऊर्जा से ओत-प्रोत लगता है.

यहाँ आप क्या-क्या कर सकते हैं:

बद्रीनाथ सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिकता, प्राकृतिक सौंदर्य और पौराणिक महत्व का एक अनूठा संगम है. यहां जाने के कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:

  • भगवान बद्री विशाल के दर्शन: मुख्य आकर्षण है भगवान बद्री विशाल का भव्य मंदिर. माना जाता है कि यहां भगवान विष्णु तपस्या करते हैं. मंदिर की वास्तुकला और उसका शांत वातावरण भक्तों को अपनी ओर खींचता है, जिससे एक गहरा आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होता है.

  • तप्त कुंड में स्नान: मंदिर के पास ही स्थित तप्त कुंड एक प्राकृतिक गर्म पानी का झरना है. श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश करने से पहले इस कुंड में पवित्र स्नान करते हैं, क्योंकि माना जाता है कि इसमें स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और शारीरिक शुद्धता प्राप्त होती है.

  • पंच शिलाएँ: मंदिर के पास पांच पवित्र शिलाएं हैं – नारद शिला, नरसिंह शिला, वराह शिला, गरुड़ शिला और मार्कंडेय शिला. प्रत्येक का अपना पौराणिक महत्व है और ये सभी भक्तों के लिए पूजनीय हैं.

  • व्यास गुफा और गणेश गुफा: बद्रीनाथ से कुछ दूरी पर स्थित माणा गांव में व्यास गुफा और गणेश गुफा हैं. माना जाता है कि यहीं पर महर्षि व्यास ने गणेश जी की सहायता से महाभारत की रचना की थी. यह भारत का अंतिम गांव भी है, जो इसे और भी खास बनाता है.

  • वसुधारा जलप्रपात: माणा गांव से थोड़ी दूरी पर स्थित वसुधारा जलप्रपात एक शानदार झरना है, जहां तक पहुंचने के लिए एक सुंदर ट्रेक करना पड़ता है. इसकी ऊंचाई से गिरता पानी और आस-पास का शांत वातावरण अद्भुत है, जो प्रकृति प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर देता है.

  • ब्रह्म कपाल: यह एक पवित्र स्थान है जहां पिंड दान और पितरों का तर्पण किया जाता है. यहां श्रद्धालु अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए धार्मिक अनुष्ठान करते हैं.

9.चोपता

चोपता: उत्तराखंड का ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ और हिमालय का छुपा रुस्तम

अगर आप भीड़-भाड़ से दूर, प्रकृति की गोद में शांति और रोमांच का अनुभव करना चाहते हैं, तो उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित चोपता आपके लिए एकदम सही जगह है. इसे अक्सर ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहा जाता है, और एक बार आप यहां के नज़ारे देखेंगे तो समझ जाएंगे क्यों!

चोपता अपनी अनछुई सुंदरता, हरे-भरे घास के मैदानों (बुग्याल) और हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों के 360-डिग्री नज़ारों के लिए प्रसिद्ध है. यह उत्तराखंड के सबसे खूबसूरत और कम खोजे गए स्थानों में से एक है, जहां शहरी जीवन का शोर बिलकुल भी नहीं सुनाई देता.


chopta

यहाँ आप क्या-क्या कर सकते हैं:

चोपता की यात्रा आपको प्रकृति और आध्यात्मिकता का एक अनोखा मेल प्रदान करती है. यहां आप कई गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं:

  • तुंगनाथ मंदिर की यात्रा: चोपता, दुनिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिर, तुंगनाथ तक ट्रेक का बेस कैंप है. यह ट्रेक आसान से मध्यम स्तर का है और रास्ते में आपको अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य देखने को मिलेगा. तुंगनाथ मंदिर पंच केदारों में से एक है और यहां पहुंचने पर मन को असीम शांति मिलती है.

  • चंद्रशिला शिखर पर सूर्योदय: तुंगनाथ से थोड़ा आगे ट्रेक करने पर आप चंद्रशिला शिखर पहुंचते हैं. यहां से सूर्योदय का नज़ारा देखना एक ऐसा अनुभव है जिसे आप कभी नहीं भूल पाएंगे. नंदा देवी, चौखम्बा, त्रिशूल और केदारनाथ जैसी विशाल चोटियां सुबह की पहली किरणों में ऐसे चमकती हैं जैसे किसी पेंटिंग में हों.

  • प्रकृति के बीच शांति: चोपता की खामोशी और प्राकृतिक सुंदरता अपने आप में एक इलाज है. यहां आप चिड़ियों की आवाज़ सुन सकते हैं, ताज़ी हवा में सांस ले सकते हैं और बस प्रकृति की गोद में समय बिता सकते हैं. फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए यह एक स्वर्ग है.

  • देवदार के जंगलों में घूमना: चोपता देवदार और रोडोडेंड्रोन के घने जंगलों से घिरा हुआ है. इन जंगलों में टहलना एक रिफ्रेशिंग अनुभव है, खासकर वसंत ऋतु में जब रोडोडेंड्रोन के फूल खिलते हैं और पूरा परिदृश्य लाल-गुलाबी हो जाता है.

  • कैंपिंग और स्टारगेज़िंग: चोपता में कैंपिंग का अनुभव भी अद्भुत है. प्रदूषण-मुक्त आसमान में रात को तारों को देखना एक अविस्मरणीय अनुभव होता है, जहां आप मिल्की वे को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं.

10.फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान


फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान: एक स्वर्गिक अनुभव

उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान (Valley of Flowers National Park) एक ऐसी जगह है जहां प्रकृति अपने सबसे शानदार रूप में खिल उठती है. यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है और वास्तव में धरती पर स्वर्ग का एक टुकड़ा है.

यह घाटी समुद्र तल से लगभग 3,658 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और अपने अल्पाइन फूलों की अद्भुत विविधता के लिए प्रसिद्ध है. जुलाई से सितंबर के महीनों के बीच, यह घाटी जीवंत रंगों और खुशबू से भर जाती है, जब हजारों विदेशी फूल अपनी पूरी बहार पर होते हैं. कल्पना कीजिए, एक ही जगह पर ब्लू पॉपी, कॉक्सकॉम्ब, डेज़ी और ऑर्किड जैसे सैकड़ों प्रकार के फूल एक साथ खिले हों

valley_of_flower

यहाँ आप क्या-क्या कर सकते हैं:

फूलों की घाटी तक पहुँचना अपने आप में एक साहसिक कार्य है. गोविंदघाट से लगभग 17 


किलोमीटर की ट्रेकिंग करनी पड़ती है, जिसमें घांघरिया बेस कैंप शामिल है. यह ट्रेक भले ही थोड़ी चुनौतीपूर्ण हो, लेकिन रास्ते में मिलने वाले अद्भुत नज़ारे और ताज़ी पहाड़ी हवा आपकी सारी थकान मिटा देगी.

घाटी में प्रवेश करने के बाद, आपको ऐसा लगेगा जैसे आप किसी पेंटिंग में आ गए हों. फूलों के खेत मीलों तक फैले हुए हैं, जिनके पीछे बर्फ से ढकी चोटियां और कल-कल करती नदियां बह रही हैं. यह जगह केवल फोटोग्राफर्स और प्रकृति प्रेमियों के लिए ही नहीं, बल्कि उन सभी के लिए एक जरूर घूमने योग्य स्थान है जो जीवन में एक बार कुछ अविस्मरणीय अनुभव करना चाहते 

यात्रा के लिए महत्वपूर्ण बातें

सबसे अच्छा समय: जुलाई के मध्य से सितंबर के मध्य तक फूलों को देखने का सबसे अच्छा समय है. इस समय घाटी फूलों से भरी होती है और अपने चरम सौंदर्य पर होती है.

  • पहुँचने का तरीका: देहरादून, हरिद्वार या ऋषिकेश से गोविंदघाट तक पहुंचें. गोविंदघाट से आपको ट्रेक शुरू करना होगा.

  • तैयारी: ट्रेकिंग के लिए आरामदायक जूते, रेन गियर (मौसम कभी भी बदल सकता है), गर्म कपड़े और फर्स्ट-एड किट ले जाना न भूलें. यह सुनिश्चित करेगा कि आपकी यात्रा आरामदायक और सुरक्षित रहे.

  • परमिट: फूलों की घाटी में प्रवेश के लिए परमिट लेना आवश्यक है. यह परमिट आपको प्रवेश द्वार पर मिल जाएगा.

फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान सिर्फ एक जगह नहीं, बल्कि एक अनुभव है जो आपकी आत्मा को शांति और खुशी से भर देगा. इसकी अछूती सुंदरता और शांत वातावरण आपको जीवन भर याद रहेगा.

उत्तराखंड, जिसे “देवभूमि” के नाम से जाना जाता है, वास्तव में प्रकृति, आध्यात्मिकता और रोमांच का एक अनूठा संगम है. हरिद्वार की पवित्र गंगा आरती से लेकर केदारनाथ के आध्यात्मिक धाम तक, औली के बर्फीले ढलानों से लेकर जिम कॉर्बेट के वन्यजीवों के साम्राज्य तक, और फूलों की घाटी के रंगीन नज़ारों से लेकर बद्रीनाथ की शांत दिव्यता तक – उत्तराखंड का हर कोना एक नई कहानी कहता है और एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करता है.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *